तेरे साथ बीती हर शाम का नशा बिना पिये उस जाम का नशा अब तक नही उतरा... सावन की पहली बरसात का नशा तेरे साथ बाँटी हर बात का नशा अब तक नही उतरा.... तुझसे मिलने को किये इंतज़ार का नशा झूठा ही सही, तेरे प्यार का नशा अब तक नही उतरा..... तेरे कंधे पर सर रख कर सोने का नशा तुझसे लिपट कर रोने का नशा अब तक नहीं उतरा... तेरे साथ कैंटीन में बैठ , एक दूसरे को निहारने का नशा तेरे लिए हर चीज़ हारने के नशा अब तक नहीं उतरा।। nasha... apka hai huzur