#ख्वाहिशों अपनी हर ख्वाहिशों को मार गिराया हूं मैं, खुद में अब एक नया इंसान बसाया हूं मैं, अलग शहर जाकर नया निखिल पाया था, उस शर्मा निखिल को तो अब भुलाया हूं मैं| ©शर्मा निखिल 'दर्द भरी शायरी' शायरी दर्द शायरी हिंदी में शेरो शायरी