अगर रूठ जाओ तुम, क़ुसूर मेरा है! जो रूठूँ मैं , तो भी ख़ता हमारी है! बताओ तो सही इंसाफ ये कैसा है भला, कहा था तुमने बराबर ही हिस्सेदारी है! चलो माना के बचपना है मुझमे थोड़ा सा.. मगर कामिल हो तुम ऐसा भी तो नही है कुछ, अगर है बचपना मुझमे तो तुम में भी है ग़ुरूर, यूँ ज़िद करना बताओ कैसी समझदारी है! #nojoto #qusoor