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थम जाती है जमीं , रूक जाता है आसमाँ, रक्षाबंधन से

थम जाती है जमीं , रूक जाता है आसमाँ, रक्षाबंधन से बढ़कर कोई मन्नत नहीं होती, आज मेरी बहन ने राखी बाँधीं है मुझे ।अहा,इस पल से खुबसूरत तो कोई जन्नत नहीं होती । #meri bhna
थम जाती है जमीं , रूक जाता है आसमाँ, रक्षाबंधन से बढ़कर कोई मन्नत नहीं होती, आज मेरी बहन ने राखी बाँधीं है मुझे ।अहा,इस पल से खुबसूरत तो कोई जन्नत नहीं होती । #meri bhna