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तेरे हिस्से का वक़्त किसी और के नाम करके मैं अपनी

तेरे हिस्से का वक़्त
किसी और के नाम करके
मैं अपनी अंतरआत्मा को 
शांत कर बैठा 
तुम्हें बुरा ख्वाब़ मानकर
अपनी दुनिया से निकाल बैठा
अब तुम कुछ भी कहो 
कोई फर्क नहीं पड़ता
मैं वो चिकना घड़ा हो गया हूँ
जिस पर पानी सा असर नहीं पड़ता

©Rajni Bala Singh (muskuharat) #titliyan #हिस्से का वक़्त
तेरे हिस्से का वक़्त
किसी और के नाम करके
मैं अपनी अंतरआत्मा को 
शांत कर बैठा 
तुम्हें बुरा ख्वाब़ मानकर
अपनी दुनिया से निकाल बैठा
अब तुम कुछ भी कहो 
कोई फर्क नहीं पड़ता
मैं वो चिकना घड़ा हो गया हूँ
जिस पर पानी सा असर नहीं पड़ता

©Rajni Bala Singh (muskuharat) #titliyan #हिस्से का वक़्त