White बहुत रो लिए हम, इस ज़ालिम समाज में, और कब तक रहेंगें पिसते, खोखले रिवाज़ में, अब बदलनी होगी हमें, तस्वीर हिंदुस्तान की, स्त्री कोई वस्तु नहीं, ना जागीर है जहान की, मन में ठान लिया है,अब इंसाफ होकर रहेगा, अब कोई समाज में, हमें अबला नहीं कहेगा, ख़ुद उठानी है शमशीर, हृदय वज्र करना है, इन इंसानी रूपी दानवो का , संहार करना है, नहीं रोंदी जायेगी ,कोई निर्भया और मौमिता, नहीं लुटेगी लाज किसी की, सलमा हो या गीता, तोड़कर सारे बंधन ,अब रूप काली का धरना है, बनी है अंधी न्यायपालिका, अब इन्साफ हमी को करना है,।। -पूनम आत्रेय ©poonam atrey #इन्साफहोकररहेगा #पूनमकीकलमसे #नोजोटोराइटर्स अदनासा- मोटिवेशनल कविता इन हिंदी