कुछ ज्यादा ख्वाहिशे नही है मेरी एक घर हो नदिया किनारे लहरों के हो साज़ देखूं ढलता सूरज हर शाम तेरे साथ कुछ ज्यादा ख्वाहिशे नही है मेरी एक घर हो नदिया किनारे लहरों के हो साज़ देखूं ढलता सूरज हर शाम तेरे साथ #abtar #hindi #suraj #sham #tum #hum #ghar