[मां और बहन] जब गोद में सुलाती थी.. तो उसकी याद ना आती थी जब चली गई वो तो...याद बहुत सताती थी तब ले ली उसकी जगह बहना ने..और लोरी वो सुनाती थी टूटे हुए परिवार को बुनकर...फिर से वो बनाती थी रूठी हुई खुशियों को वह.. फिर से मनाती थी आज समझ आया मुझको की... मां की याद क्यों नहीं आती थी बड़े प्यार से रातों में चुप करके...बहना मुझे सुलाती थी जब साथ छोड़ देती थी हर चीज जहां की....तब बहना सीने से लगाती थी एक बहना ही तो थी मां के बाद... जो सारी जिम्मेदारी निभाती थी होती थी तकलीफ समाज से.. पर खुद सब सह जाती थी एक बहन ही थी यारों...जो मां के बाद बहुत याद आती थी मां और बहन#mr_tarun.14 Lakshmi singh vidushi MISHRA