किसी दिन हम यूं अजनबी हो जाएंगे, डायरी के फटे पन्नों सा कहीं गुम हो जाएंगे, समेटने की कोशिश भी मत करना, हम किसी राख सा मिट्टी में मिल जाएंगे, तेरे हर एक वादों को छोड़कर, तुझे जन्नत की राह पर मोड़कर, हम ख़ामोशी से किसी कोने मे सिमट जाएंगे|| ©parijat #void #Rose