जित देखूं तित तुम ही दिखे हो, आंखें बंद करूं या खोलूं। मन में मोहन, तन में मोहन, मेरी तो रग- रग में है मोहन। नीर भरन जो जमुना गई तो, नीर में भी दिखे है मोहन। नैना नीर बहाते निशदिन, नींद की हर बूंद- बूंद में मोहन। तेरी राधा तुझे पुकारे, राधा की हर सांस- सांस में मोहन। रोम- रोम में बसने वाले अब तो सामने आओ मेरे मोहन। तेरे प्रेम की दीवानी हूं मैं, इतना ना तड़पाओ मेरे मोहन। बंसी की मधुर तान बजाते, कहीं से तो आ जाओ मोहन। तेरी विरह में तड़प रही हूं, आकर तड़प मिटाओ मोहन। तेरे दरस को प्यासी अखियां, आकर दरस दिखाओ मोहन। अपनी सुध बुध गवां दी है, आकर हंसी ठिठोली करो मोहन। मधुबन सूना पनघट सूना, आकर रास रचावो मेरे मोहन। तुम ही जीवन का मेरे आधार और जीवन का सार हो मोहन। तुम बिन अधूरी हूं मैं आकर पूरा कर जाओ मुझे मेरे मोहन। -"Ek Soch" Today's topic is #premsarovar. #collab #yqbaba #yqdidi #yqquotes #krishna #krishnalove Time limit: till 10:00 pm tonight No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...