ज़िंदगी से मेरी कोई हसरत अब बाकी नहीं, बहुत कुछ पा लिया अब कोई चाहत बाकी नहीं। हमेशा सजदे में अपने लिए ही सिर झुकाया है, अब ख़ुद के लिए एक भी इबादत बाकी नहीं। फ़रेब दुनिया के उसूलों में शुमार हो चुका है, किसी के दिल में भी सदाक़त बाकी नहीं। हम जाते रहे उसी अंजुमन में बार-बार, इल्म हो गया है अब कि एक भी जिल्लत बाकी नहीं। आब-ए-रवाँ है "अनाम" हर एक इल्ज़ाम समा जाएगा, ये वो सागर है जिसमें क़िल्लत बाकी नहीं। #fromurdukipathshala #अनाम #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #anumika