चलो आज मैं चलता हूं दुख की परछाइयों में तुम्हें छोड़कर । जो रिश्ते बनाए थे आज तक उन सबको फिर से आज तोड़कर ।। जीवन मेरा देश हित रहा और मैं जुदा तुमसे कभी हो न सका । चलो आज चलता हूं मैं इस दुनिया से सारा नाता तोड़कर ।। जीवन के हर संग्राम में विजेता बनकर हमेशा जीता रहा हूं। देखो आसमान में भी हर वक्त नये नये रंग हमेशा भरता रहा हूं ।। तीनों सेनाओं का सिरोमणी बनकर मजबूत बनाया देश को । इस तिरंगे की शान में दाग न लगने दिया कभी परिवेश को ।। आज तुम्हारे हवाले वतन छोड़कर मैं तो चला अनन्त आकाश को। खुश रहना मेरे बच्चों यादें अपनी छोड़ चला फिर से अपने देश को। बस याद करना तुम मुझे जब देश प्रेम का तुममें कोई दीप जले । हर हर में विपिन रावत पैदा हो और आतंकवाद समूल मिटे ।। शेरों के इस जंगल में एक शेर शान से आज विदा हुआ । इस शेर के गम में फिर भारत मां का दिल गम से रो उठा ।। जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम🙏 ©rishika khushi #bipinrawat #Nojotowriters #विपिनरावत #कविता