"तेरी मेरी दोस्ती" तेरा साथ भी क्या साथ था जो मैं भुला न साकी, तेरी दोस्ती में भी क्या दम था जो मैं अदा ना कर सकी। सुबह से सांझ तक तेरा मेरे एक ओर होना और स्कूल की बेल बजते ही फिर तूझे खो देना । तेरा यूं मेरे लिए दूसरो से लड़ना और मेरी जिनसे ना पटे उनसे भी अकड़ना । तेरा यूं मेरे रूठने पर आंसू बहाना और अंत तक बिना हारे मुझे मनाना, तेरी वो मासूमियत जो पिघला देती मेरा ताव और बदल देती मेरा भाव। तेरा वो हर चीज़ मेरे साथ बांटने का स्वभाव, है तेरे मन का सबसे बड़ा विशेषभाव । तेरे चेहरे की वो प्यारी सी मुस्कुराहट सीखा गई, दोस्ती होती है बिना देखे धार्मिकहठ, इसीलिए माना मैंने आज तेरी मेरी दोस्ती निरूपहत । तुझे बहुत सी बातों पर मेरा डांटना सोचकर आज भी दुखती मेरी आत्मा, तेरा साथ बता गया 'दोस्ती' क्या चीज़ है इसलिए आज भी तेरी मेरी दोस्ती मेरे लिए "अज़ीज" है । वर्षा