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निर्दोष को मिलता न्याय नहीं। दोषि नायक कहलाता है।

निर्दोष को मिलता न्याय नहीं।
दोषि नायक कहलाता है।
समय ये कैसा आ गया  प्यारे।
रक्षक भी भक्षक कहलाता है।
बन गयी नफरत की  दुनियां है।
भाई -भाई से नजरें नहीं मिलाता है।
पाप-पुंय का जिकर न करना।
जब चाहे जैसा चाहे वैसा करना।
क्या यही कानून कहलाता है।

©ANSARI ANSARI
  कानून
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ANSARI ANSARI

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कानून #Thoughts

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