राम - वनवास की गाथा भरत ने त्यागी धन ,बल और राजसिंघासन की माया अयोध्या के शिंहासन पर विराजी श्री राम की छाया ! साधु बनकर आया था लंकेश पर ये किसी ने ना देखा सीता माँ की रक्षा हेतु लक्ष्मण ने बनाई लक्ष्मण रेखा । राम ,लक्ष्मण चल पड़े थे ढूँढने सोने का हिरण पर छल से रावण ने कर लिया सीता का अपहरण ।। माँ की रक्षा हेतु जटाँयु ने प्राण गँवायें पर संपती ने रामलला को लंका का पता बताएँ । सुनकर सारी वार्ता हनुमान लंका की ओर बड़ जाए पूँछ में आग लगाकर पूरी लंका को ही जलाएँ !! श्री राम ने युध्द हेतु वानर सेना बनाई जिस कारण 'बाली' ने अपनी जान गँवाई ! सुग्रीव ने राम से किया अपना वादा निभाया अपनी वानर सेना को लंका की ओर बड़ाया ।। पूरी वानर सेना ने लिया एक ही नाम राम सिया राम सिया राम जय जय राम ।। राम - वनवास की गाथा