छिपाये रखा कीमती बना कर हमेशा... मैने अपने दर्द को ज़रूरत मिताबिक शब्दो मे पिरोया... वाकिफ़ सब इस हँसते चहरे से है... सिर्फ मै ही जानु मै कितना रोया.... मेरे होने न होने का फर्क क्या है... ये उससे जा के पूछ ज़रा जिसने मुझे खोया.. sad shayar. jisne mujhe hai khoya