सतपथ पर काँटे भी मिलते , मिलते हैं अवरोध , नहीं कुटिल को,पर सज्जन को पर - पीड़ा का बोध , रक्तिम अधरों में सुंदरता कैद नहीं होती है , वीरों का भूषण विनम्रता , खल का भूषण क्रोध ! अशान्त (पटना) poem