मेरा दिल बेचैन है, नाजुक सी मोहब्बत है, दुश्मन ज़माना है,ये जन्मों का रिश्ता है, पर सबसे नाजुक सी मोहब्बत है, पत्थर सा जमाना है, जन्मों का रिश्ता है, पर सबसे छुपाना है,क्या तेरी मज़बूरी है, क्यों तुम्हें जाना है,ये शीशे सा दिल है, पल में बिखर जाना है,यंहा दीवानों का बस, मैखाना में ठिकाना है,खुमार मोहब्बत का, सबका उतर जाना है,अभी सबके ओठों पे, एक हसीं तराना है,फिर गीत जुदाई के, यंहा सबको गाना है,बेजां हुआ है दिल, कातिल वो पहचाना है,बिंदास शमा से, परवाने को जल जाना है,क्यों दस्तूर मोहब्बत का, बहुत पुराना है,आँखों के पानी को, आसुओं में बदल जाना है..... @ms shayri