एक मुक़म्मल छुट्टी चाहता हूँ। रोज़मर्रा के काम से, शाम की हिचकी और रात के ख़याल से। अपनी ही सवालिया नज़रो से, अपने ही बेजा तकल्लुफात से। ©Tarique Sayeed Usmani #hangout