Unsplash मेरी ग़ैरत मिरी आन का इम्तिहाँ तेरी साज़िश पे भारी है ऐ बाग़बाँ जान दे दूँ अभी ये तो मंज़ूर है गुलसिताँ छोड़ दूँ ये गवारा नहीं ©Andy Mann #आन Sonia Anand sushil.