अविरल गंगा स्वच्छ हो जल, यही हमारा होगा कल। स्वच्छ करेंगे गंगा को,संकल्प उठाकर आगे चल। गंगा को स्वच्छ बनाना है,भविष्य को हमें बचाना है। गंगा दूषित ना होने पाए, यह कर्तव्य निभाना है। गंगा को स्वच्छ रखने की जन-जन में अलख जगाना है। गंगा अब ना दूषित हो,इसको पवित्र बनाना है। गंगा की बहती पावन धारा से,जिससे महिमा मंडित होती है। जब हम इसको दूषित करते हैं,तो इसकी महिमा खंडित होती है। गंगा हरदम स्वच्छ रहे,यह जब जिक्र हो जाएगी। स्वच्छता की चेतना बढ़ेगी जब हर जन में,और गंगा पवित्र हो जाएगी। ✍️✍️ सत्यवीर सिंह गंगा अविरल और स्वच्छ रहे या हमारा कर्तव्य और दायित्व है।