परिंदों का आज यूँ अश्कों को बहाकर बेहिसाब रोना.., शायद टूटे शज़र से मोहब्बत उनकी कुछ खास थी.., जायज़ था उनका यूँ रोकर खुद को खुद के अश्कों मे भिगोना.., शायद उजड़े आशियाने को फिर से बसाने की आस अब न थी.., #घरौंदे_जब_टूट_जाते_हैं_रिश्ते_जब_छूट_जाते_हैं.. होता है अक्सर यही जब बूढ़े माँ बाप को जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर उनके बच्चे अकेले यूँ तन्हा छोड़ जाते हैं.. #yqdidi #yqbaba #yqtales #yqquotes #yqhindi #yqdiary #yq