हैं बातें दिल में हज़ार,पर कहता है दिल कुछ भी नहीं। क्या जीवन का आधार,आज साँसें हैं काल कुछ भी नहीं। वो कुछ भी नहीं जो कुछ भी है,जो कुछ है वो कुछ भी नहीं। जितना है उतने का आभार,और आस है ज्यादा कुछ भी। #कुछ भी नहीं