था मेरा भी कोई अपना जिनसे मेरी सुबह शाम हसीन होती थी,
था मेरा भी कोई हमदर्द जिसके साथ मेरी यादें रंगीन होती थी।
पर अब जब वो मुझे छोड़कर कुछ इस तरह कहीं दूर चला गया था,
की अब इस बातों का मेरे लिए कोई मतलब भी नहीं हो रहा था।
दिमाग ने तो जैसे तैसे करके मुझे ख़ुद को संभाल लिया था,
पर बात तो थी मेरे दिल की उसे कमबक्त मैं संभाल ना पाया था।
रोते रोते उसकी यादों को दिल में दफनाने की कोशिश तो मैंने करी थी, #दुखती_कलम#दुखती_रग#दुखी_दिल_की_आवाज#देखतेदेखते#दुखकासमाधान#दुखीमनकीआवाज