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माँ ही रह-रहकर उम्मीद बँधाती है माँ की थपकी सबकुछ

माँ ही रह-रहकर उम्मीद बँधाती है
माँ की थपकी सबकुछ भुलाती है


रिश्तों में पड़ने लगे हैं मिर्च और मसाले मगर 
माँ आज भी सादे रस्मों को निभाती है # माँ राज़-ए -ज़िन्दगी बताती है
माँ ही रह-रहकर उम्मीद बँधाती है
माँ की थपकी सबकुछ भुलाती है


रिश्तों में पड़ने लगे हैं मिर्च और मसाले मगर 
माँ आज भी सादे रस्मों को निभाती है # माँ राज़-ए -ज़िन्दगी बताती है
ajaybishwas1338

Ajay Bishwas

New Creator

# माँ राज़-ए -ज़िन्दगी बताती है