वक़्त के साँचे में अब ये ज़िन्दगी ढलने लगी है वो उफनती सी नदी भी झील सी बनने लगी है ज़ोर रिश्तों का मलय होने लगा हल्का अभी से सच कहो तो दूरियाँ अच्छी तुम्हें लगने लगी है. ©malay_28 #दूरियाँ