अब तो एक ही आस है, मेरे भोलेनाथ! काश! आपसे वरदान प्राप्त कोई भस्मासुर आज मेरे सिर पर हाथ धर दे। और मैं अपने अस्तित्व समेत सम्पूर्ण भस्म हो जाऊँ। ©Divya Joshi संदर्भ 1 कुछ गुनाहों की माफी नहीं होती संदर्भ 2 जब जीवन में सब कुछ खत्म सा प्रतीत हो। संदर्भ 3 मोक्ष की आस #guilt #पश्चाताप #Sawankamahina