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अब तो एक ही आस है, मेरे भोलेनाथ! काश! आपसे वरदान

अब तो एक ही आस है,
 मेरे भोलेनाथ!
काश! आपसे वरदान प्राप्त 
कोई भस्मासुर 
आज मेरे सिर पर हाथ धर दे।
और मैं अपने अस्तित्व समेत सम्पूर्ण भस्म हो जाऊँ।

©Divya Joshi संदर्भ 1 कुछ गुनाहों की माफी नहीं होती
संदर्भ 2 जब जीवन में सब कुछ खत्म सा प्रतीत हो।
संदर्भ 3 मोक्ष की आस

#guilt
#पश्चाताप 

#Sawankamahina
अब तो एक ही आस है,
 मेरे भोलेनाथ!
काश! आपसे वरदान प्राप्त 
कोई भस्मासुर 
आज मेरे सिर पर हाथ धर दे।
और मैं अपने अस्तित्व समेत सम्पूर्ण भस्म हो जाऊँ।

©Divya Joshi संदर्भ 1 कुछ गुनाहों की माफी नहीं होती
संदर्भ 2 जब जीवन में सब कुछ खत्म सा प्रतीत हो।
संदर्भ 3 मोक्ष की आस

#guilt
#पश्चाताप 

#Sawankamahina
divyajoshi8623

Divya Joshi

Silver Star
Growing Creator