हाथ जोड़ कर सिर को झुका के आया हूँ,, मेरे सर पर है गुनाहों की गठरी भारी ,, इस लिए जमाने भर से मुंह छुपा के आया हूँ। गुनाह#BuddhaPurnima ऊषा माथुर