मेरी अंखियां हो गई बावरी, पागल दिल भी करे इंतज़ार। चेहरे पे बनी लटें आंसूओं की, बावरा मन भी करे इतना प्यार। 'प्रदीप' 10/05/2008 #पुरानी डायरी #पुरानी यादें