भावनाएं जो समझे वो इंसान कहाँ है , कभी न गिरे जो मकान कहाँ है । यहाँ तो सबको बस अपनी बात कीे पड़ी है , और ज़िंदगी पूरी तरह राख हो पड़ी है । उड़ती राख मे अस्तित्व ढूँढ रहा हूँ, हाँ, में पल पल तुझसे दूर हो रहा हुँ।। #imotions #feeling_sad #kissa_zabaani_ka Varsha rajauria Ritika Suryavanshi pooja negi#