अब कुछ तो कह दो हद में रहकर कुछ भी ना जाने क्यूं दिल बेचैन अरमां बेसब्र हुए जाते हैं तुम्हारी बातें मैंने कहां कभी की है करीब आने की दुहाई कहां दी है दिल में कहीं मुझे महफूज़ रहने दो जिक्र में ना लाओ कोई बात नहीं #कृष्णार्थ ©KRISHNARTH #अरमाँ