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कभी कभी लगता है कि मैं भाग रहा हूँ। खुद से, खुद के

कभी कभी लगता है कि मैं भाग रहा हूँ। खुद से, खुद के हालातों से, इस बेईमानी दुनिया से भाग रहा हूँ, लेकिन कहीं पहुंच नहीं पा रहा हूँ। मैं बहुत तेज़ भागता हूँ, उस बहुत से भी बहुत तेज़ भागता हूँ, लेकिन जब नज़रें उठा कर देखता हूँ तो अहसास होता है कि मैं एक ही जगह पर भाग रहा हूँ। फिर मेरा, मेरे ही लिए, ये भागना भी बेईमानी लगता है। मैं जिस चीज़ से भाग रहा हूँ उससे पीछा ही नही छुड़ा पा रहा हूँ, क्योंकि मुझे जिससे भागना है वो मेरे ही अंदर है। अब मैं ख़ुद से कैसे भागूँ? जहाँ कहीं भी जाता हूँ ख़ुद को और ख़ुद के साथ उसे भी साथ ले जाता हूँ। 
तुम्हारे पास कोई तरक़ीब है तो बताओ की मेरा ये भागना बंद हो। वैसे कभी तुम भागे हो ख़ुद से?

©Nasamajh #lifequotes #Run #Race 

#Life
कभी कभी लगता है कि मैं भाग रहा हूँ। खुद से, खुद के हालातों से, इस बेईमानी दुनिया से भाग रहा हूँ, लेकिन कहीं पहुंच नहीं पा रहा हूँ। मैं बहुत तेज़ भागता हूँ, उस बहुत से भी बहुत तेज़ भागता हूँ, लेकिन जब नज़रें उठा कर देखता हूँ तो अहसास होता है कि मैं एक ही जगह पर भाग रहा हूँ। फिर मेरा, मेरे ही लिए, ये भागना भी बेईमानी लगता है। मैं जिस चीज़ से भाग रहा हूँ उससे पीछा ही नही छुड़ा पा रहा हूँ, क्योंकि मुझे जिससे भागना है वो मेरे ही अंदर है। अब मैं ख़ुद से कैसे भागूँ? जहाँ कहीं भी जाता हूँ ख़ुद को और ख़ुद के साथ उसे भी साथ ले जाता हूँ। 
तुम्हारे पास कोई तरक़ीब है तो बताओ की मेरा ये भागना बंद हो। वैसे कभी तुम भागे हो ख़ुद से?

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prakashjoshi3876

Nasamajh

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