नींद नहीं आँखों में ... ठहरा मगर, फिर भी ख्वाब हो तुम!! अनूठी कोई मोहब्बत की, खूबसूरत कितनी मिसाल हो तुम!! के भुला दिया जहां खुद को ... भुला कर बैरी, जग सारा!! गुम हो चुकी फिर याद्दाश्त की, खूबसूरत कितनी याद हो तुम!! कहना था बस कह दिया ~~~ निशान्त ~~~ अनूठी