स्वार्थ में ही डूबा हुआ है कलयुगी दुनियाँ का हर एक इंसान, कहाँ मिलता है कोई किसी को परमार्थ की राह बताने वाला। अपनी मुश्किलें खुद से ही हल करनी पड़ती है सभी को यहाँ, कहाँ मिलता है कोई किसी को मुश्किलों से निकालने वाला। नादानी में अगर कोई नासमझी हो जाए कभी किसी मोड़ पर, कहाँ मिलता है कोई हमें हमारी गल्तियों को बतलाने वाला। भटक रहे हो गर हम जीवन में सत्य और अच्छाई की राहों से सही राह बताने को, कहाँ मिलता है कोई हमें समझने वाला। उलझी हो अगर हमारी जिंदगी अपनी जिंदगी की उलझनों में कहाँ मिलता है कोई हमें हमारी उलझनों को सुलझाने वाला। फँसी हुई हो बीच मझधार में जब अपने ही जीवन की नैया, कहाँ मिलता है कोई हमें सही समय पर पार लगाने वाला। -"Ek Soch" #yqbaba #yqdidi #openforcollab #collabwithmitali #samajhne_wala #kahan_milta 📀 समय सीमा: 11:59 कल रात्रि तक। 📀 आप किसी भी भाषा में लिख सकते हैं (Hindi & English)