न जुदाई न रिहाई, ऐसी हमारी आशनाई। उसी में रहे उसी में डूबे, ऐसी हमारी वफाई। सब होगये बेजुबाँ, जुबां पे जो उसकी बात आई। जैसे दिल के पन्नो पर, उड़ेंली कोई अमिट स्याही। वो मेरा पासबाँ, और मैं उसका शैदाई। मेरा उससे नाता ऐसा, जैसे जिस्म परछाई। शैदाई