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तुम आ जाना ठीक तब जब मैं आग के गर्म और पानी के पार

तुम आ जाना ठीक तब
जब मैं आग के गर्म और
पानी के पारदर्शी होने पर
यकीन करना भूलने लगूँ
:
आ जाना जब मैं टूटते बिखरते
जीते चले जाने को ही मान लूँ जीवन
तब जब किसी तारीख को
छूते काँप न जाए मन
भींग न जाए आँख 
कोरे मन से सोख 
लिया गया हो
बचा प्यार इंतजार...!
 :💕👨🍉🍉💕☕🍨🍨
तापमान बहुत बढ़ गया है 48.04 डिग्री ! कूलर फ़ैल है !
इन पंक्तियो से थोड़ी तरावट लेते हैं आओ !
😊💐💕🌷🍉🍉🍉🐒
:
आ जाना कि लंबी सड़कों की देह से
उतार लिए गए कपड़ों सी आहट !
पेड़ की हरी टूटी डाली पर शोक मनाती गौरय्या
तुम आ जाना ठीक तब
जब मैं आग के गर्म और
पानी के पारदर्शी होने पर
यकीन करना भूलने लगूँ
:
आ जाना जब मैं टूटते बिखरते
जीते चले जाने को ही मान लूँ जीवन
तब जब किसी तारीख को
छूते काँप न जाए मन
भींग न जाए आँख 
कोरे मन से सोख 
लिया गया हो
बचा प्यार इंतजार...!
 :💕👨🍉🍉💕☕🍨🍨
तापमान बहुत बढ़ गया है 48.04 डिग्री ! कूलर फ़ैल है !
इन पंक्तियो से थोड़ी तरावट लेते हैं आओ !
😊💐💕🌷🍉🍉🍉🐒
:
आ जाना कि लंबी सड़कों की देह से
उतार लिए गए कपड़ों सी आहट !
पेड़ की हरी टूटी डाली पर शोक मनाती गौरय्या