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मेरे लबों पर लगने खुद आग से नहा कर आई है, कम्बख्त

मेरे लबों पर लगने खुद आग से नहा कर आई है, 
कम्बख्त वो चाय हि है जो मेरी थकान दुर करने आग से जल कर आई है।

©Ritesh Mishra tea

#Tea #tealover #PoetryOnline #Shayari #Love
मेरे लबों पर लगने खुद आग से नहा कर आई है, 
कम्बख्त वो चाय हि है जो मेरी थकान दुर करने आग से जल कर आई है।

©Ritesh Mishra tea

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