अभी तूफान थमा न था, फिर से कहर बरसा गया। ये 5 जी है या फिर करोना, जो जहर हवा में फैला गया। बड़ी कस्म ए कस में हूं, ये डर कैसा छा गया। संसार का हर मानव, भय से भय खा गया। करे दुआ "रसिक" और मन्नते मांगे, हे प्रभु ये कैसा समय आ गया।। कैसा समय आ गया.......!