शे'र- मयस्सर नहीं किसी को मंज़िल, आदमी मुसाफ़िर है यहाँ रहता है तलाश में साएबाँ के, मुसलसल सफ़र पर मुसाफ़िर है यहाँ मयस्सर- available साएबाँ- canopy, छत मुसलसल- लगातार 🎀 Challenge-392 #collabwithकोराकाग़ज़ ❤ Happy International Men's Day ❤