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फरवरी के मास में, सावन की सुरुचि सुवास में लवलीन स

फरवरी के मास में, सावन की सुरुचि सुवास में
लवलीन सुमन परास में, मनु के दिपित उच्छवास में
यह काव्य प्रकृति तरंग है
यह प्रेम हृदय उमंग है

दिन बीतते लव मास के, ऋत शीत अंतिम श्वांस के
गरिमा ले ग्रिष्म पलाश के, मनु सत्व सरल हुलास के
यह स्वर नमस्य मतंग है
यह प्रीत आत्म अनंग है "फ़रवरी की प्रीत"

जिस कविता की चर्चा आपने अपने कथन में की थी, उसे प्रकट रूप देते हुए स्वयं में बड़े हर्ष की अनुभूति हो रही है।
deepti T
मेरी आशा है कि आपके अंतर्निहित भावनाओं की पूर्णरूपेण अभिव्यक्ति करने में समर्थ हो सका।

Much Love 😍🐝😍
फरवरी के मास में, सावन की सुरुचि सुवास में
लवलीन सुमन परास में, मनु के दिपित उच्छवास में
यह काव्य प्रकृति तरंग है
यह प्रेम हृदय उमंग है

दिन बीतते लव मास के, ऋत शीत अंतिम श्वांस के
गरिमा ले ग्रिष्म पलाश के, मनु सत्व सरल हुलास के
यह स्वर नमस्य मतंग है
यह प्रीत आत्म अनंग है "फ़रवरी की प्रीत"

जिस कविता की चर्चा आपने अपने कथन में की थी, उसे प्रकट रूप देते हुए स्वयं में बड़े हर्ष की अनुभूति हो रही है।
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मेरी आशा है कि आपके अंतर्निहित भावनाओं की पूर्णरूपेण अभिव्यक्ति करने में समर्थ हो सका।

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