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भोर की प्रथम किरण के साथ गौरैया का सुमधुर स्वर हम

भोर की प्रथम किरण के साथ गौरैया का
 सुमधुर स्वर हमारे घर-आँगन का उत्सव
 एवं प्रकृति के आह्लाद की उद्घोषणा थी।

 मनुष्य की अनियंत्रित भोगवांछाओं एवं
 पर्यावरण की अनदेखी के कारण 
घरेलू गौरैया सहित उसकी 26 विशिष्ट 
प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं। 
पर्यावरण में विकृति ही गौरैया जैसे अनेक 
जीवों के विलुप्त होने का मूल कारण है। 

आइये ! प्रकृति की ओर लौटें एवं जैव-विविधता को संरक्षित करें।

©मनोज कुमार झा "मनु" #Birds #sparrowday day
भोर की प्रथम किरण के साथ गौरैया का
 सुमधुर स्वर हमारे घर-आँगन का उत्सव
 एवं प्रकृति के आह्लाद की उद्घोषणा थी।

 मनुष्य की अनियंत्रित भोगवांछाओं एवं
 पर्यावरण की अनदेखी के कारण 
घरेलू गौरैया सहित उसकी 26 विशिष्ट 
प्रजातियाँ विलुप्त होने की कगार पर हैं। 
पर्यावरण में विकृति ही गौरैया जैसे अनेक 
जीवों के विलुप्त होने का मूल कारण है। 

आइये ! प्रकृति की ओर लौटें एवं जैव-विविधता को संरक्षित करें।

©मनोज कुमार झा "मनु" #Birds #sparrowday day