#FourlinePoetry कभी इंसान भटकता हैं खुद को खोजने की खातिर, हर परिस्थिति तब उसको भटकाने में होती माहिर, खेल शतरंजी नहीं ये खेल हैं जिंदगी का शातिर, अब ना संभाला खुद को तो कहलाओगे कायर। ©Priya Gour #realityoflife #fourlinepoetry #जिंदगी #शतरंज #9aug 8:10