बहुत छोटी सी है खुशियां, बहुत लंबे है ये गम फूंक फूंक कर चल तू मेरे शहर, कब जाने कि तेरा वक़्त खत्म हो जाये और तेरा लंबा सफर सिर्फ कुछ पल का रह जाए, आज और कल मे यूँ तो बहुत कम है फ़र्क पर पूरे सफ़र पर सिर्फ कुछ सांसों का है कहर, इतना खुल कर इस वक्त को जीना, कि चंद लम्हों का मोहताज न होना पड़े कुछ लम्हो को खुद से जीना इस से पहले कि इतिहास तुम्हें भी अपने मे समेट ले।. पारिजात बहुत छोटी सी हैं खुशियां #nojoto#morning#poem#thoughts#