तेरे इन लफ़्ज़ों में,राज़ कुछ बात है, जो कि सारा जहाँ इनका दीवाना है, इन लफ़्ज़ों के, यूँ कुछ, मायनें नहीं, इतना ही बस, यार तुझे समझाना है ! लफ्ज़ तिरे !