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बुरा जो खोजन मैं चला मुझसे बुरा न कोय "सूर्य" कहें

बुरा जो खोजन मैं चला मुझसे बुरा न कोय
"सूर्य" कहें सच मानले तुझसे बुरा न होय 

तुझसे बुरा न कोय करे क्यों झांका झांकी
पल पल बीती जाय उमरिया कुछ पल बाकी

जान बूझ बनता अज्ञानी नित दिन धोखा खाए
ठोकर खाता गिरता उठता उसी राह फिर जाए

कितनी महिमा गाउं तेरी धन्य तेरी अधमाई
सभा बीच ललकार रहा है तनक लाज ना आई

धर्म कर्म सब छूट गया हंसता खूब ठठाकर
स्वर्णिम पल को लुटा दिया खुश है पीतल पाकर

©R K Mishra " सूर्य "
  #Parchhai#आत्म#दर्शन  Rama Goswami Poonam Suyal Ayesha Aarya Singh अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर PRIYANK SHRIVASTAVA 'अरमान'