बेमतलब की बात बताकर..ले गई सबकुछ झूठे झूठे ख़्वाब दिखाकर...ले गई सबकुछ दिल की दीवारों पर इक तस्वीर उकेरी थी तेरी ये बेमौसम बरसात बहाकर ले गयी सबकुछ --प्रशान्त मिश्रा बेमौसम बरसात