तेरे मोह में ढल कर, अब क्या पाना है? किताबों की दुनिया में खोकर, अब ख़ुद को पाना है शायद ख़ुदग़र्ज़ हो चुकी हूं अब, कि यही ज़माना है झूठे ख़यालात ही सही, अब यही मेरा फ़साना है #मोह #ख़ुदग़र्ज़ #ज़माना #झूठे_ख़यालात #फ़साना #yqbaba #yqdidi