"जय भोलेनाथ" सावन के पावन अवसर पर, भोलेनाथ पधारे हैं। भांग चरस का सेवन कर, , कुछ मुर्ख बहुत इतरा रहे हैं। इन मूर्खों को तो हम। बेजुबा कर जाएंगे, शिवाय भक्ति किसे कहते हैं कविता से इन्हें सिखाएंगे.... जय भोलेनाथ