Nojoto: Largest Storytelling Platform

जान जान बोलते हैं क्यों की जान हो तुम तुम ही हो रच

जान जान बोलते हैं
क्यों की जान हो तुम
तुम ही हो रची इस मन में
संजोया है तुम को इस जीवन में
नशीले नैनों में डूब गया
जब से देखा तुमको, सब भूल गया
लबों से मीठे बोल जो निकले तुम्हारे
मीठी आवाज़ की धुन में डोल गया
सावन की तरह आई पतझड़ से जीवन में
बिखेरी खुशबू इस बगीयन में
तुम को पा के मैं सारे गम भूल गया

©Dr  Supreet Singh #सच्चा_प्यार
जान जान बोलते हैं
क्यों की जान हो तुम
तुम ही हो रची इस मन में
संजोया है तुम को इस जीवन में
नशीले नैनों में डूब गया
जब से देखा तुमको, सब भूल गया
लबों से मीठे बोल जो निकले तुम्हारे
मीठी आवाज़ की धुन में डोल गया
सावन की तरह आई पतझड़ से जीवन में
बिखेरी खुशबू इस बगीयन में
तुम को पा के मैं सारे गम भूल गया

©Dr  Supreet Singh #सच्चा_प्यार